डिमेंशिया मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जो आमतौर पर उम्र बढ़ने के कारण होती है। यह 65 साल से ज्यादा के लोगों को अपना शिकार बनाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 55 मिलियन लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं। ऐसे में खान-पान भी काफी अहम भूमिका निभाता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि ऑलिव ऑयल डिमेंशिया के मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह पाया कि ऑलिव ऑयल का सेवन करने वाले लोगों में डिमेंशिया से मरने का खतरा कम था।
28 प्रतिशत तक कम हुआ मरने का खतरा
एक न्यूज रिलीज के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पाया कि नियमित तौर पर आधा चम्मच ऑलिव ऑयल का सेवन करने वाले लोगों में ऑलिव ऑयल नहीं खाने वालों की तुलना में 28 प्रतिशत तक मरने का खतरा कम था। इस रिसर्च में निकले रिजल्ट को न्यूट्रीशन 2023 में पेश किया जाएगा। टेंपल यूनिवर्सिटी में अल्जाइमर सेंटर के डायरेक्टर और प्रोफेसर डोमेनिको प्रेटिको के मुताबिक ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने के लिए ऑलिव ऑयल काफी फायदेमंद होता है। इसमें ओलेयूरोपिन और ओलेओकैंथल जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो डिमेंशिया से मरने के खतरे को कम करते हैं।
इसे भी पढ़ें - बुजुर्गों में डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) को रोक सकते हैं क्रॉसवर्ड और शतरंज जैसे गेम्स, स्टडी में हुआ खुलासा
डिमेंशिया से बचने के तरीके
डिमेंशिया के मरीजों के लिए जिंदगी काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। ऐसे में उनके सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इससे बचने के लिए ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित रखना जरूरी होता है। ऐसे में डाइट भी काफी अहम भूमिका निभाती है। इसके लिए आप फल, सब्जियां और नट्स आदि का सेवन कर सकते हैं। डिंमेंशिया या अलजाइमर से बचने के लिए लोगों से बातचीत करें और समाज में सक्रिय रहें। ऐसे में धूम्रपान या फिर शराब से दूरी बना लें।
किसे रहता है ज्यादा खतरा?
आमतौर पर डिमेंशिया का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को भी इस बीमारी का खतरा रहता है। ज्यादा देर तक सोने वालों के साथ ही न्योरोलॉजिकल समस्या से ग्रस्त लोगों में भी इसके होना का अधिक खतरा रहता है।