हेपेटाइटिस के साथ-साथ एनीमिया के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे नजरअंदाज करना या फिर इसके इलाज में देरी करने से फेफड़ों के साथ ही हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। लांसेट हेमेइटोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक साल 2021 में एनीमिया के दुनियाभर में 2 बिलियन मामले देखे गए थे। दुनियाभर में अफ्रिका और साउथ एशिया में इससे प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा थी। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या अधिक थी।
महिलाओं में है ज्यादा खतरा
इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्यूशन, यूएस द्वारा की गई रिसर्च में पुरुषों की तुलना में बच्चों और महिलाओं के प्रोग्रेस रेट काफी कम था। इस स्टडी के वरिष्ट लेखक Nick Kassebaum ने कहा कि हम मानते हैं कि दुनियाभर में एनीमिया के मामले में पहले की तुलना में काफी सुधार है, लेकिन अभी भी जेंडर और उम्र के आधार पर इसमें काफी असमानताएं हैं। साल 2021 में पुरुषों में 17 प्रतिशत तक एनीमिया के मामले देखे गए थे। वहीं, महिलाओं में यह समस्या 31.2 फीसदी तक थी। इससे पता लगता है कि महिलाएं इस समस्या से ज्यादा पीड़ित हैं।
क्या है एनीमिया?
इस बारे में बेहतर जानकारी के लिए हमने DY पाटिल हॉस्पिटल, पुणे के प्रोफे. डॉ. अनु गायकवाड़ (MBBS, MD MED Physician, diabetologist) से बातचीत की। उन्होंने बताया कि इस समस्या में शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। इसे आसान भाषा में समझें तो इस समस्या में खून की कमी हो जाती है। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं लेना या फिर यह कई बार अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। इस बीमारी से दुनियाभर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पीड़ित है।
एनीमिया से बचने के तरीके
एनीमिया से बचने के लिए डाइट भी काफी महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली और गोभी आदि के साथ ही ताजे फलों को शामिल करना फायदेमंद साबित होता है। ऐसे में आयरन से भरपूर आहार के साथ ही फोलिक एसिड का सेवन करें। इससे बचने के लिए एक्सरसाइज करें साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने दें।