हेपेटाइटिस एक गंभीर समस्या है, जिसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह आमतौर पर लिवर में हो रही सूजन के कारण होती है। डब्लूएचो ने भी इसके लगातार बढ़ रहे मामलों पर चिंता जताई है। हाल ही में हुई एर रिसर्च के मुताबिक हेपाटाइटिस सी के इंफेक्शन से ठीक हो जाने के बाद भी मरीज को मरने का खतरा बना रहता है। बीएमजे में प्रकाशित इस रिसर्च में हेपेटाइटिस से ठीक हो चुके मरीजों में मरने का खतरा देखा गया है।
20000 लोगों पर की गई रिसर्च
यह स्टडी हेपेटाइटिस के 20000 मरीजों को पर की गई। इसमें हेपेटाइटिस सी के संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों को शामिल किया गया था। इसमें पाया गया कि अगर हेपेटाइटिस के इंफेक्शन को कुछ समय के लिए भी नजरअंदाज किया गया तो यह लिवर को डैमेज करने के साथ ही अन्य बड़ी बीमारियों का खतरा भी बन सकता है। कुछ दिनों पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में इसे जानलेवा बीमारी बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2040 तक एचआईवी और टीबी की तुलना में हेपेटाइटिस से अधिक लोगों की मौत होगी।
इसे भी पढ़ें - 2040 तक टीबी, एचआईवी और मलेरिया की तुलना में हेपेटाइटिस से होंगी अधिक मौतें : WHO
हेपेटाइटिस सी में कैसी होनी चाहिए डाइट
इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने आरुषी गुप्ता, एसोसिएट डायटीशियन, दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लुधियाना से बातचीत की। उन्होंने बताया कि आपको नट्स और सीड्स जैसे चिया सीड्स, पिस्ता, बादाम या फिल अलसी के बीज खाने चाहिए। ऐसे में ज्यादा चीनी या फिर नमक वाली चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। इससे बचने के लिए डाइट में पालक, गोभी और केल जैसी सब्जियों को शामिल करना फायदेमंद होता है।
हेपेटाइटिस सी के लक्षण
हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस का एक गंभीर स्टेज है, जिसमें इलाज में लापरवाही या देरी से जान जाने तक का खतरा हो सकता है। इसके लक्षणों को आप आसानी से पहचान सकते हैं। ऐसे में हर समय थकान रहना, त्वचा का पीला पड़ना या फिर पेशाब में भी पीलापन देखने को मिल सकते हैं। इस स्थिति में पेट में गड़बड़ी होने के साथ ही भूख लगना भी कम हो सकता है। कुछ मरीजों में हेपेटाइटिस सी होने पर मल के रंग पीलापन आने के अलांवा एक्यूट लिवर फेलियर होने की भी स्थिति बन सकती है।