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सिलिकोसिस की बीमारी से हर साल होती है लाखों मजदूरों की मौत, जानें इसके बारे में

What is Silicosis in Hindi: खदानों में पत्थर तोड़ते या काम करते समय निकलने वाली धूल और कण की वजह से मजदूरों को सिलिकोसिस का खतरा रहता है।

 
Prins Bahadur Singh
Written by: Prins Bahadur SinghUpdated at: Aug 03, 2023 18:54 IST
सिलिकोसिस की बीमारी से हर साल होती है लाखों मजदूरों की मौत, जानें इसके बारे में

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What is Silicosis in Hindi: भारत के कई राज्यों में खनन और पत्थर का व्यवसाय किया जाता है। इन जगहों पर लाखों लोग जीवनयापन करने के लिए मजदूरी करते हैं। पत्थर खनन वाली जगहों पर काम करने वाले लोगों को एक गंभीर बीमारी का खतरा है। पत्थरों से निकलने वाले कण और धूल वाली हवा में सांस लेने की वजह से ऐसे मजदूरों को सांस और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। पत्थर खनन या खदानों में काम करने वाले मजदूरों को सिलिकोसिस (Silicosis in Hindi) नामक गंभीर बीमारी का खतरा रहता है। यह बीमारी लाइलाज और जानलेवा मानी जाती है। राजस्थान जैसे राज्यों में सिलिकोसिस से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। खदानों में पत्थर तोड़ते या काम करते समय निकलने वाली धूल और कण की वजह से मजदूरों को अस्थमा, टीबी समेत सिलिकोसिस जैसी बीमारी का खतरा रहता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं सिलिकोसिस की बीमारी क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाता है।

सिलिकोसिस की बीमारी क्या है?- What is Silicosis in Hindi

सिलिकोसिस फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। आमतौर पर यह बीमारी ऐसे लोगों को होती है जो पत्थर की खदानों में काम करते हैं। इन खदानों में सिलिका युक्त धूल और पत्थरों के कण के बीच सांस लेने की वजह से मजदूरों में सिलिकोसिस का खतरा ज्यादा रहता है। लंबे समय तक ऐसी जगहों पर काम करने से फेफड़ों और सांस की नली में सिलिका के कण जमा होने लगते हैं और इसकी वजह से घाव बनने लगता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि इस बीमारी का खतरा पत्थर का काम करने वाले लोगों में ज्यादा रहता है। सिलिकोसिस की बीमारी टीबी जैसी ही है और इससे मरीज के फेफड़े खराब होने लगते हैं। इस बीमारी में मरीजों का इलाज लंबे समय तक चलता है, अभी तक सिलिकोसिस का कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है।

What is Silicosis in Hindi

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सिलिकोसिस के लक्षण- Silicosis Symptoms in Hindi

खदानों में काम करते समय कम मात्रा में सिलिका के कणों के संपर्क में आने पर भी यह बीमारी हो सकती है। लेकिन इस स्थिति में मरीज को कम और हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी की शुरुआत में दिखने वाले लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है मरीजों में दिखने वाले लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं। सिलिकोसिस में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण ये हैं-

  • लगातार खांसी आना
  • सांस लेने में दिक्कत
  • खांसी के साथ खून आना
  • वजन कम होना
  • शरीर में थकान
  • छाती में दर्द और बुखार

सिलिकोसिस का इलाज और बचाव- Silicosis Prevention And Treatment in Hindi

सिलिकोसिस की बीमारी फेफड़ों में सिलिका के कण जमा होने की वजह से होती है। इस बीमारी का सटीक इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है, डॉक्टर मरीजों में लक्षण कंट्रोल करने के लिए दवाएं देते हैं। सिलिकोसिस से पीड़ित मरीजों को राज्य सरकार की तरफ से अनुदान भी मिलता है। सिलिकोसिस एक गंभीर बीमारी है और पत्थर की खदानों पर काम करने वाले लोगों में ही होती है। इस बीमारी से बचने के लिए खदानों पर काम करते समय मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपको कफ और खांसी की समस्या है, तो खदान पर जाने से बचें। खदान पर काम करने वाले मजदूर अगर स्मोकिंग करते हैं, तो उन्हें इस बीमारी का खतरा और रहता है। इस बीमारी के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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