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प्रेग्नेंसी में शरीर के कौन-से हिस्सों में दर्द होता है? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। डॉक्टर से जानते हैं प्रेग्नेंसी में शरीर के किन हिस्सों में दर्द होता है?

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: Aug 03, 2023 18:00 IST
प्रेग्नेंसी में शरीर के कौन-से हिस्सों में दर्द होता है? डॉक्टर से जानें

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प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इस समय हार्मोनल बदलाव व भ्रूण के विकास से महिलाओं के शरीर में कई तरह की बदलाव होने लगते हैं। प्रेग्नेंसी के समय को तीन चरणों में बांटा जाता है। हर चरण में तीन महीनों का समय शामिल किया जाता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआत से अंतिम दौर तक महिलाओं को अलग-अलग तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस दौरान उनको पेट दर्द, पीठ दर्द, सिर दर्द, पेल्विक एरिया में दर्द, पैरों में दर्द को शामिल किया जाता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में होने वाले दर्द को समझने के लिए हमने मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल की स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डिंपल चुडगर से बात की, तो उन्होंने प्रेग्नेंसी के लक्षणों को विस्तार से समझाया। 

प्रेग्नेंसी में कहां-कहां दर्द होता है? - Aches And Pains During Pregnancy In Hindi

पहली बार मां बनने वाली प्रेग्नेंसी में अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान हर एक महिला को किसी ना किसी तरह की समस्या से गुजरना पडता हैं। डॉक्टर डिंपल चुडगर से जानते हैं महिलाओं को प्रेग्नेंसी में कहां-कहां दर्द महसूस होता है। 

पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना

प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में भ्रूण का विकास हो रहा होता है, ऐसे में महिलाओं को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होने लगता है। यह दर्द प्रेग्नेंसी की तीनों तिमाही में रहता है। जैसे-जैसे भ्रूण का आकार बढ़ता है, वैसे-वैसे गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है। जिसके कारण अन्य अंगों पर दबाव पड़ने लगता है। इस दबाव के कारण महिलाओं को पेट में दर्द महूसस होने लगता है।  

पीठ में दर्द होना

प्रेग्नेंसी का समय बीतने पर महिलाओं को पीठ में दर्द महसूस होता है। दरअसल, बच्चे के आकार की वजह से महिला पीछे की ओर झुककर खड़ी होती हैं। इसके चलते उनकी पीठ में दर्द होने लगता है। यह दर्द तीसरी तिमाही से शुरु होकर नौवें महीने तक रह सकता है। 

पैरों में दर्द होना

दूसरी और तीसरी तिमाही में भ्रूण का आकार तेजी से बढ़ रहा होता है। ऐसे में वजन के कारण महिलाओं के पैरों में वाटर रिटेनशन की समस्या होने लगती है। वाटर रिटेनशन की वजह से पैरों में दर्द और सूजन बढ़ने लगती है।

स्तनों में दर्द 

प्रेग्नेंसी के दौरान  महिलाओं के शरीर में एस्‍ट्रोजन और प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन के स्तर में तेजी से बदलाव होता है। इस दौरान महिलाओं के स्तन ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार हो रहे होते हैं, ऐसे में ब्रेस्ट में सूजन और संवेदनशिलता बढ़ जाती है। 

सिर दर्द होना 

प्रेग्नेंसी के शुरआती दौर में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होती है। इस दौरान महिलाओं को मूड स्विंग और सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह एक सामान्य लक्षण है, जो हर महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान महसूस होता है। 

हाथ में दर्द और झुनझुनी होना

गर्भाशय के बढ़ने के साथ ही महिलाओं की नसों पर दबाव पड़ता है। ऐसे में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिसकी वजह से महिलाओं को हाथों और पैरों में हल्का दर्द व झुनझुनी महसूस हो सकती है। यह समस्या महिलाओं को मुख्य रूप से सुबह के समय महसूस होती है। डिलीवरी के बाद यह समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है।  

पेट के निचले हिस्से व पेल्किव एरिया में दर्द होना 

गर्भावस्था के अंतिम चरण में महिलाओं को पेट के निचले हिस्से व पेल्विक एरिया में दर्द महसूस होता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के अंतिम दौर में गर्भाशय और पेल्विक एरिया डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा होता है। ऐसे में कॉन्ट्रैक्शन की वजह से महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में व पेल्किव एरिया में दर्द होने लगता है। यह दर्द बच्चे के आकार की वजह से भी होता है। 

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इसके अलावा, महिलाओं को गैस और अपच की वजह से भी पेट में दर्द महसूस होता है। वहीं, बायोकेमिकल और मानसिक बदलाव भी प्रेग्‍नेंसी के कुछ लक्षणों जैसे कि पेट फूलने, ऐंठन, दर्द और मतली का कारण बनते हैं। हर महिला को प्रेग्नेंसी में अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

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